Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Dr fauzia Naseem shad
189 Followers
Follow
Report this post
31 Aug 2024 · 1 min read
टूट जाते हैं
टूट जाते हैं वक़्त आने पर,
ये भी रिश्ते अजीब होते हैं।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद
Language:
Hindi
Tag:
शेर
Like
Share
1 Like
· 44 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
फ़ासले
Dr. Fauzia Naseem Shad
एहसास के मोती
Dr. Fauzia Naseem Shad
मेरे एहसास
Dr. Fauzia Naseem Shad
You may also like:
#यूँ_सहेजें_धरोहर....
*प्रणय*
राम तुम्हारे नहीं हैं
Harinarayan Tanha
हाइकु
भगवती पारीक 'मनु'
प्रथम दृष्ट्या प्यार
SURYA PRAKASH SHARMA
4216💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कभी उलझन,
हिमांशु Kulshrestha
"अकेलापन"
Dr. Kishan tandon kranti
क़दम-क़दम पर मुसीबत, मगर ये तय कर लो,
पूर्वार्थ
होठों की हँसी देख ली,
TAMANNA BILASPURI
मज़हब नहीं सिखता बैर
तारकेश्वर प्रसाद तरुण
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के
Shashi kala vyas
Still I Rise!
R. H. SRIDEVI
दिल को दिल से खुशी होती है
shabina. Naaz
*छोटे होने में मजा, छोटे घास समान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
Lokesh Sharma
सन्देश खाली
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
* जब लक्ष्य पर *
surenderpal vaidya
नदी का किनारा ।
Kuldeep mishra (KD)
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
कवि रमेशराज
तेरा हम परदेशी, कैसे करें एतबार
gurudeenverma198
सुरमई शाम का उजाला है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
होली
नूरफातिमा खातून नूरी
पर्दा हटते ही रोशनी में आ जाए कोई
कवि दीपक बवेजा
सर पर हाथ रख दूं तो आजाद हो जाएगा,
P S Dhami
सुबह
Neeraj Agarwal
दहेज की जरूरत नहीं
भरत कुमार सोलंकी
बिंते-हव्वा (हव्वा की बेटी)
Shekhar Chandra Mitra
अजब है इश्क़ मेरा वो मेरी दुनिया की सरदार है
Phool gufran
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
Shweta Soni
Loading...