Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Nitu Sah
34 Followers
Follow
Report this post
6 Jul 2022 · 1 min read
मां के आंचल
तब तक आंखों में सुकून भरी नींद थीं
जब तक “मैं” मां के आंचल के छांव में थीं।।
नीतू साह
Language:
Hindi
Tag:
शेर
Like
Share
3 Likes
·
2 Comments
· 1322 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
‘ विरोधरस ‘---3. || विरोध-रस के आलंबन विभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
विश्व आदिवासी दिवस
Dr. Kishan tandon kranti
आपके दिमाग में जो लक्ष्य केंद्रित होता है।
Rj Anand Prajapati
दोस्त,ज़िंदगी को अगर जीना हैं,जीने चढ़ने पड़ेंगे.
Piyush Goel
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
*अन्नप्राशन संस्कार और मुंडन संस्कार*
Ravi Prakash
जानते वो भी हैं...!!!
Kanchan Khanna
कहमुकरियाँ हिन्दी महीनों पर...
डॉ.सीमा अग्रवाल
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
Gaurav Pathak
अलविदा नहीं
Pratibha Pandey
"" *महात्मा गाँधी* ""
सुनीलानंद महंत
Home Sweet Home!
R. H. SRIDEVI
#मानवता का गिरता स्तर
Radheshyam Khatik
कुछ नमी अपने
Dr fauzia Naseem shad
नेता के बोल
Aman Sinha
!!कोई थी!!
जय लगन कुमार हैप्पी
" दिल गया है हाथ से "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
🍁अंहकार🍁
Dr. Vaishali Verma
जुगनू का कमाल है रातों को रोशन करना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कामना-ऐ-इश्क़...!!
Ravi Betulwala
हमारा अस्तिव हमारे कर्म से होता है, किसी के नजरिए से नही.!!
Jogendar singh
काश ! लोग यह समझ पाते कि रिश्ते मनःस्थिति के ख्याल रखने हेतु
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
2875.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नज़्म - चांद हथेली में
Awadhesh Singh
— बेटे की ख़ुशी ही क्यूं —??
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
पतझड़
ओसमणी साहू 'ओश'
बेकाबू हैं धड़कनें,
sushil sarna
में ही हूं, मैं ही कहानी
पूर्वार्थ
पिता का प्यार
Befikr Lafz
🙅अनुभूत/अभिव्यक्त🙅
*प्रणय*
Loading...