*टूटी मेज (बाल कविता)*
टूटी मेज (बाल कविता)
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टूटी मेज देखकर रोई
गुड़िया नहीं चैन से सोई
मम्मी ने बढ़ई बुलवाया
संग हथौड़ा लेकर आया
करी मेज की खूब ठुकाई
मुख पर हॅंसी सभी के आई
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 615 451