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2 Dec 2024 · 1 min read

टूटा दर्पण नित दिवस अब देखती हूँ मैं।

टूटा दर्पण नित दिवस अब देखती हूँ मैं।
तप्त तवा पर ज़िन्दगी को सेकती हूँ मैं।।
-लक्ष्मी सिंह

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