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19 May 2022 · 1 min read

टूटते परिवार सिमटते रिश्ते

टूटते परिवार सिमटते रिश्ते
********************
रिश्ते सभी सिमटते जा रहे है,
परिवार भी निबटते जा रहे है।
पता नही क्या होगा भविष्य में,
आज संबंध बिगड़ते जा रहे है।।

चाचा चाची कोई कहता नही है,
मामा मामी कोई कहता नही है।
ये पाश्चात्य सभ्यता की है ये देन ,
अंकल आंटी कोई भूलता नहीं है।

चिट्ठी पत्री सब समाप्त हो गई है,
व्हाट्सएप पर सब सिमट गई है।
साधन होते हुए भी मिलते नही,
मिलने की प्रथा खत्म हो गई है।।

अपने भी अब पराए हो चुके है,
सारे रिश्ते मिट्टी में मिल चुके है।
मतलबी हो गए अब सारे रिश्ते,
स्वार्थ पर ये रिश्ते टिक चुके है।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
3 Likes · 5 Comments · 352 Views
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