टूटकर खुद
टूटकर खुद बिखर रहा हूँ मैं
हार से कब मुकर रहा हूँ मैं
कर लिया खुद से ही जो समझौता
लोग समझे कि डर रहा हूँ मैं
मेरी ख़ामोशियों का मतलब है
मुश्किलों से गुज़र रहा हूँ मैं
ख़ौफ़ का नाम तक नहीं है फिर
किसलिए यार डर रहा हूँ मैं
माफ़ करना मुझे नहीं, बेशक़
वक़्त से पहले मर रहा हूँ मैं