टी वी चैनल और अखबार
टी वी चैनल और अखबार
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बंद कर दो पढ़ना अखबार,
सुखमय रहेगा घर परिवार।
बिकाऊ लगने लगा मीडिया,
पथभ्रष्ट हुआ जन संचार।
सच्ची ख़बरों हो गई लुप्त,
झूठे हैं प्रसारित समाचार।
वही दिखाते रहते चैनल,
जो दिखाना चाहे सरकार।
जनार्दन की हो रही हत्या,
थू थू करने लगा संसार।
बताने की जगह है डराते,
नजर आता न मूल आधार।
बेवकूफ बनाते हर जन को,
सच्चाई के न होते दीदार।
मनसीरत ने कर दिया बन्द,
टी वी चैनल और अखबार।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)