टाईम पास करते हैं।
आप हमेशा टाईम पास करते रहते हैं। चौराहा पर खड़े होकर तमाशा देखते रहते हैं।रावन को मारने के लिए राम का इन्तजार करते रहते हैं। यूं ही जिन्दगी निकालते रहते हैं। परशुराम नहीं बन सकते हो ।गलत गलत गलत है बस, कहते रहते हो।मन की पीड़ा को लहरों को कोरे कागज पर उतारते रहते हो।। इसलिए युग परिवर्तन की दुहाई देते रहते हो। क्योंकि पिता की दीहुईं जिन्दगी जीते रहते हो।। आज़ तक दहेज पृथा का अंत नही कर पाये हैं। समाज में समाज का शोषण करते रहते हैं। केवल और केवल साधु का वेश भरते रहते हैं। हम सब पर भारी बदमाशी। फिर भी हम ही करते रहते हैं।