झोली
*रहमतों की
कमी नहीं
मौला के
दरबार में…*.।
*बस
रखना ध्यान
इतना
कहीं
कोई ‘सुराख’
न रह जाये
अपनी
झोली में *.. ।।
? ?
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल
*रहमतों की
कमी नहीं
मौला के
दरबार में…*.।
*बस
रखना ध्यान
इतना
कहीं
कोई ‘सुराख’
न रह जाये
अपनी
झोली में *.. ।।
? ?
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल