झूठ बोलते बोलते,सच को झुठलाते रहे –आर के रस्तोगी
झूठ बोलते बोलते,सच को झुठलाते गये |
क्योकि लोगो की जवां पर ताले पड गये ||
थक गये राहो में,चलना है मुश्किल |
क्योकि उनके पाँवो में छाले पड़ गये ||
कर लेते हम प्यार,करना है मुश्किल |
क्योकि लोगो के दिल काले पड गये ||
दूभर है जिन्दगी,काटना है मुश्किल |
क्योकि शुद्ध हवा के लाले पड गये ||
नफरतो के जालो से,निकलना है मुश्किल|
क्योकि बंद दिलो में भी जाले पड़ गये ||
रस्तोगी को भी लिखना है बड़ा मुश्किल |
क्योकि उसकी कलम में छाले पड़ गये ||
आर के रस्तोगी
मो 9971006425