झूठ न बोले दर्पण
दिनांक 24/6/19
दर्पण
विधा – हाइकु
हर तरफ
परेशान इन्सान
देखें दर्पण
सुखी मानव
आस है बरसात
कहे दर्पण
न बोले झूठ
देखे सब दर्पण
छोड़ो फरेब
क्षणभंगुर
जीवन इन्सान का
राह दर्पण
हो सब सुखी
प्रेम हर जगह
कहे दर्पण
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल