Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Dr fauzia Naseem shad
193 Followers
Follow
Report this post
27 Nov 2024 · 1 min read
झूठ चाहें सजा के बोले कोई
झूठ चाहें सजा के बोले कोई
मर्तबा सच का पा नहीं जाता
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद
Tag:
Quote Writer
Like
Share
2 Likes
· 40 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
फ़ासले
Dr. Fauzia Naseem Shad
एहसास के मोती
Dr. Fauzia Naseem Shad
मेरे एहसास
Dr. Fauzia Naseem Shad
You may also like these posts
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
गीत- किसी को भाव देना भी...
आर.एस. 'प्रीतम'
लम्हे पुराने
मनोज कर्ण
बच्चा हो बड़ा हो,रिश्ता हो परिवार हो ,पैसा हो करियर हो
पूर्वार्थ
घने तिमिर में डूबी थी जब..
Priya Maithil
क़िस्मत हमारी ख़ुद के ही पहलू से आ मिली
अंसार एटवी
■ आज का शेर-
*प्रणय*
- गुमसुम लड़का -
bharat gehlot
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
उसने मुझे लौट कर आने को कहा था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
लक्ष्मी सिंह
करके RJD से हलाला फिर BJP से निकाह कर लिया।
Rj Anand Prajapati
बहुत कुछ सीखना ,
पं अंजू पांडेय अश्रु
तूझे क़ैद कर रखूं मेरा ऐसा चाहत नहीं है
Keshav kishor Kumar
वो भी तो ऐसे ही है
gurudeenverma198
आधार खेती बारी
आकाश महेशपुरी
" अगर "
Dr. Kishan tandon kranti
🍁🍁तेरे मेरे सन्देश- 6🍁🍁
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
विश्व शांति स्थापना में भारत की भूमिका
Sudhir srivastava
विरोध-रस की काव्य-कृति ‘वक्त के तेवर’ +रमेशराज
कवि रमेशराज
शब्द पिरामिड
Rambali Mishra
روح میں آپ اتر جائیں
अरशद रसूल बदायूंनी
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
रो रही है मॉं
SATPAL CHAUHAN
योग स्वस्थ जीवन का आधार
Neha
लम्हा लम्हा कम हो रहा है
Rekha khichi
प्रीत हमारी हो
singh kunwar sarvendra vikram
ग़ज़ल
Neelofar Khan
हम सब भारतवासी हैं ...
Sunil Suman
******प्यारी मुलाक़ात*****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...