Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Aug 2024 · 1 min read

झूठ की जीत नहीं

झूठ की जीत नहीं
सच की शिकस्त नहीं…….ShabinaZ

55 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from shabina. Naaz
View all
You may also like:
दुनिया में सब ही की तरह
दुनिया में सब ही की तरह
डी. के. निवातिया
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ७)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ७)
Kanchan Khanna
रमेशराज के 7 मुक्तक
रमेशराज के 7 मुक्तक
कवि रमेशराज
मेरा जीने का तरीका
मेरा जीने का तरीका
पूर्वार्थ
*लिखी डायरी है जो मैंने, कभी नहीं छपवाना (गीत)*
*लिखी डायरी है जो मैंने, कभी नहीं छपवाना (गीत)*
Ravi Prakash
न कोई काम करेंगें,आओ
न कोई काम करेंगें,आओ
Shweta Soni
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
तीन औरतें बेफिक्र जा रही थीं,
तीन औरतें बेफिक्र जा रही थीं,
Ajit Kumar "Karn"
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
Ranjeet kumar patre
" श्रम "
Dr. Kishan tandon kranti
"मुश्किल वक़्त और दोस्त"
Lohit Tamta
गिरें पत्तों की परवाह कौन करें
गिरें पत्तों की परवाह कौन करें
Keshav kishor Kumar
कुछ बूँद हिचकियाँ मिला दे
कुछ बूँद हिचकियाँ मिला दे
शेखर सिंह
क़िताबों में दफ़न है हसरत-ए-दिल के ख़्वाब मेरे,
क़िताबों में दफ़न है हसरत-ए-दिल के ख़्वाब मेरे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इतनी खुबसुरत हो तुम
इतनी खुबसुरत हो तुम
Diwakar Mahto
"गणेश चतुर्थी की शुभकामना "
DrLakshman Jha Parimal
तुम कहो कोई प्रेम कविता
तुम कहो कोई प्रेम कविता
Surinder blackpen
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय*
The Nature
The Nature
Bidyadhar Mantry
शुरुआत में खामोशी समझने वाले लोग
शुरुआत में खामोशी समझने वाले लोग
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
किसी अंधेरी कोठरी में बैठा वो एक ब्रम्हराक्षस जो जानता है सब
किसी अंधेरी कोठरी में बैठा वो एक ब्रम्हराक्षस जो जानता है सब
Utkarsh Dubey “Kokil”
बेशक प्यार उनसे बेपनाह था
बेशक प्यार उनसे बेपनाह था
Rituraj shivem verma
त्योहार
त्योहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
Rj Anand Prajapati
ध्रुव तारा
ध्रुव तारा
Bodhisatva kastooriya
फ़ासले जब
फ़ासले जब
Dr fauzia Naseem shad
******** कुछ दो कदम तुम भी बढ़ो *********
******** कुछ दो कदम तुम भी बढ़ो *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्रीत को ...
प्रीत को ...
sushil sarna
3969.💐 *पूर्णिका* 💐
3969.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
संगदिल
संगदिल
Aman Sinha
Loading...