झूठ की अम्मा रो दी…:हास्य कुण्डलिया :
मोदी, राउल भूख में, भटके रेगिस्तान.
मस्जिद देखी सामने. संकट में थी जान.
संकट में थी जान, तंग हो राउल बोलें,
मैं हमीद औ तुम शफीक, बन मस्जिद हो लें.
मैं मोदी ही ठीक, झूठ की अम्मा रो दी,
‘रोजा’, हाय नसीब! छक रहे जमकर मोदी.
प्रस्तुति: इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’