झूठे आरोपपत्र #100 शब्दों की कहानी#
काफी दिनों से सोमा बहुत तनाव में थी। पति जाने के बाद बिल्कुल अकेली हो गई, लेकिन सास-ससुर की जिम्मेदारी, नन्ही-खुशबू की परवरिश बखूबी-निभा रही थी । ऑफिस में भी सोमा प्रशासनिक अधिकारी की भूमिका निभाने में पिछे नहीं थी । कार्यालय में पदस्थ सहेली रूही को एक आरोपी किसी झूठे-प्रकरण में फंसाकर ब्लेकमेल कर रहा था ।
सोमा ने दोनों पक्षों की तहकीकात की, जबकि वह जानती थी, रूही निरपराध है । प्रशासनिक-नियमानुसार वह दूध का दूध और पानी का पानी कर आखिरकार आरोपी को सजा दिलवाने में कामयाब हुई, साथ-ही रूही ने झूठे-आरोपपत्र को जलाकर मुक्ति पायी ।