झूठी मुहब्बत
मुहब्बत के जंग में हार गया,
दिल मे दर्द को मार गया,
जमाने से की है मैंने दुश्मनी,
बेवफाओ की बस्ती जलाते गया,
वो हसीना मिली थी किसी मोड़ पे,
उसे नफरत की दुनिया से हटाते गया,
उसकी मुहब्बत थी हकीकत नही,
उसे झूठी मुहब्बत बता के गया,