झूठी माया
छोडो दौलत का मोह झूठी यह माया है
भष्टाचार का फैला ये तो काला साया है
हसरतों से उपर के सपने होते है झूठे
लालच ने देखो आज इसान को नचाया है
______________अभिषेक शर्मा
छोडो दौलत का मोह झूठी यह माया है
भष्टाचार का फैला ये तो काला साया है
हसरतों से उपर के सपने होते है झूठे
लालच ने देखो आज इसान को नचाया है
______________अभिषेक शर्मा