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2 May 2022 · 1 min read

झूठा स्त्रीवाद

एसी वाले कमरों में बैठकर
हाथ में मोबाइल पकड़ कर
धार्मिक कार्यों में शामिल होकर
पूर्णिमा का व्रत रखकर
माता और पिता से शर्माकर
ससुराल और पति से डरकर
हर रोज मंदिर में जाकर
सिर पर साड़ी रखकर
व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी में पढ़ कर
अपनी ही जात धर्म में प्रेम कर
एक जात-बिरादरी में शादी कर
अपने घर में चुप रह कर
अपना स्वयं तय कर कर
खूब सारा मेकअप कर
माथे पर बिंदी लगाकर
हाथों में चूड़ी पहन कर
पैरों में पायल पहन कर
आपस में भेदभाव कर
आप कहते हैं कि हम
स्त्री समाज की
आवाज उठा रहे हैं ?

– दीपक कोहली

Language: Hindi
161 Views
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