झुका हुआ शख़्स
कलम लाएंगी एक रोज़ बदलाव की सूरत!
लफ़्ज़ो से खतरनाक शरारा नहीं होता हैं!
तहजीब अदब और सलीका भी तो कुछ है!
झुका हुआ हर शख़्स बेचारा नहीं होता हैं!
✒Anoop S.
कलम लाएंगी एक रोज़ बदलाव की सूरत!
लफ़्ज़ो से खतरनाक शरारा नहीं होता हैं!
तहजीब अदब और सलीका भी तो कुछ है!
झुका हुआ हर शख़्स बेचारा नहीं होता हैं!
✒Anoop S.