झीमिर-झीमिर बरसा मा, धरती के अंतस जुड़ागे।
झीमिर-झीमिर बरसा मा, धरती के अंतस जुड़ागे।
साज गे हे नांगर अऊ बईला घलो फंदागे।
चारो डाहर लहर- लहर, रूख राई हरियागे।
लहूटावव मीठ चिला दाई, हरेली तिहार आगे।
छत्तीसगढ़ के पहिली तिहार ” हरेली” के
आप जम्मो झन ला गाड़ा-गाड़ा बधाई 🙏
🌾🌱🌿☘️🍀🌳🌴🌲🌾