झिलमिल
झिलमिल
“झिलमिल-झिलमिल,करते तारे।
आसमान में छाए हैं, बहुत सारे।
दिवाकर ने छुपा रखा है,दिन में;
पर रात में ये दिखते,प्यारे-प्यारे।”
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐
©®✍️ पंकज कर्ण
>>>>>>>कटिहार।
झिलमिल
“झिलमिल-झिलमिल,करते तारे।
आसमान में छाए हैं, बहुत सारे।
दिवाकर ने छुपा रखा है,दिन में;
पर रात में ये दिखते,प्यारे-प्यारे।”
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐
©®✍️ पंकज कर्ण
>>>>>>>कटिहार।