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8 May 2023 · 1 min read

झाड़ू भंगी का

एक सामाजिक मौलिक रचना सादर प्रकाशनार्थ प्रेषित है।

झाड़ू भंगी का
=========

घर जजमान का,
गंदगी जजमान की,
झाड़ू भंगी का,

जुबान जजमान की,
दुत्कार जजमान की,
बर्दाश्त भंगी की,

हाथ जजमान का,
मार जजमान की,
बदन भंगी का,

घृणा जजमान की,
सिकुड़ती नाक,भोंऐ
जजमान की,
अपमान भंगी का,

कब छोड़ेगा
भंगी झाड़ू?

आज?
कल?
या
छोड़ेगा न,
मरते दम तक?

शायर:-“जैदि”
डॉ.एल.सी.जैदिया “जैदि”
बीकानेर (राज)
9829829629

Language: Hindi
190 Views

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