झाड़ू और चुहिया (बाल कविता)
झाड़ू और चुहिया (बाल कविता)
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शेर और हाथी को देखा
झाड़ू लिए लगाते ,
पूछा चुहिया ने
“झाड़ू बोलो किस तरह उठाते ?”
हाथी बोला “नहीं जरूरत
झाड़ू नहीं उठाओ ,
किसे पता तुम किसे पिचा दो
या खुद ही पिच जाओ
काम करो बस इतना
जो भी कुतर-कुतर कर खाओ ,
रखो ध्यान यह पूरा
खाकर उसको मत फैलाओ” ।।
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451