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19 Oct 2021 · 1 min read

झाड़ू और चुहिया (बाल कविता)

झाड़ू और चुहिया (बाल कविता)
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
शेर और हाथी को देखा
झाड़ू लिए लगाते ,
पूछा चुहिया ने
“झाड़ू बोलो किस तरह उठाते ?”

हाथी बोला “नहीं जरूरत
झाड़ू नहीं उठाओ ,
किसे पता तुम किसे पिचा दो
या खुद ही पिच जाओ

काम करो बस इतना
जो भी कुतर-कुतर कर खाओ ,
रखो ध्यान यह पूरा
खाकर उसको मत फैलाओ” ।।
“”””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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