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14 Jul 2024 · 1 min read

झाग गुमसुम लहर के आंँसू हैं

झाग गुमसुम लहर के आंँसू हैं
गिरते पत्ते शजर के आंँसू हैं
है अलग ढंग सब के रोने का
ओस क्या है सहर के आंँसू हैं
संदीप ठाकुर

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