झांसी दतिया व ललितपुर पर एक कुंडली
झांसी दतिया व ललितपुर पर एक कुंडली
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झांसी गले की फांसी,दतिया गले का हार,
ललितपुर न छोड़िए,जब तक मिले उधार।
जब तक मिले उधार,ललितपुर कभी न छोड़े,
चाहे कितने कष्ट मिले,लगते रहे तुमको कोड़े।
कह रस्तोगी कविराय,सुनो भई ललितपुर वासी,
ललितपुर न छोड़ना, बनेगा एक दिन ये झांसी।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम