Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2020 · 1 min read

झंडे का सत्कार किया करते हो

जब तुम अपने झंडे का सत्कार किया करते हो
क्यों तेरा मेरा कहकर तकरार किया करते हो

कुदरत से हम सबको ही कितने प्यारे रंग मिले
तरह तरह के रंगों के जगह जगह पर फूल खिले
फिर क्यों अपने रंगों से ही प्यार किया करते हो
जब तुम अपने झंडे का सत्कार किया करते हो

क्या मरते को जीवन भी दे सकते हो तुम जग में
यूँ जीवन धन लेने का अधिकार मिला किस मग में
मानवता का फिर तुम क्यूँ संहार किया करते हो
जब तुम अपने झंडे का सत्कार किया करते हो

लाल लहू ही बहता है हर प्राणी की रग- रग में
एक कहानी ही होती जीने मरने की जग में
धर्मो में क्यों बाँट खड़ी दीवार किया करते हो
जब तुम अपने झंडे का सत्कार किया करते हो

अपने प्राणों से सीमा की जो रखवाली करते
आपस में लड़ कर उनकी तुम रातें काली करते
वीरों की कुर्बानी क्यों बेकार किया करते हो
जब तुम अपने झंडे का सत्कार किया करते हो

डॉ अर्चना गुप्ता

1 Like · 1 Comment · 343 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
संघर्ष हमेशा खाली पन में ही अक्सर होता है
संघर्ष हमेशा खाली पन में ही अक्सर होता है
पूर्वार्थ
न्याय यात्रा
न्याय यात्रा
Bodhisatva kastooriya
बेईमान बाला
बेईमान बाला
singh kunwar sarvendra vikram
हमारे बाद भी चलती रहेगी बहारें
हमारे बाद भी चलती रहेगी बहारें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
* किधर वो गया है *
* किधर वो गया है *
surenderpal vaidya
O CLOUD !
O CLOUD !
SURYA PRAKASH SHARMA
"बात सौ टके की"
Dr. Kishan tandon kranti
3656.💐 *पूर्णिका* 💐
3656.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कौन कहता है कि
कौन कहता है कि "घुटनों में अक़्ल नहीं होती।"
*प्रणय प्रभात*
श्याम भजन -छमाछम यूँ ही हालूँगी
श्याम भजन -छमाछम यूँ ही हालूँगी
अरविंद भारद्वाज
गणेशा
गणेशा
Mamta Rani
Don't pluck the flowers
Don't pluck the flowers
VINOD CHAUHAN
जीवन से  प्यार करो।
जीवन से प्यार करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*डॉक्टर किशोरी लाल: एक मुलाकात*
*डॉक्टर किशोरी लाल: एक मुलाकात*
Ravi Prakash
बचाओं नीर
बचाओं नीर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
चल विजय पथ
चल विजय पथ
Satish Srijan
मैं नारी हूं, स्पर्श जानती हूं मैं
मैं नारी हूं, स्पर्श जानती हूं मैं
Pramila sultan
घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि (स्मारिका)
घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि (स्मारिका)
Dr. Narendra Valmiki
उपहास ~लघु कथा
उपहास ~लघु कथा
Niharika Verma
कभी वो कसम दिला कर खिलाया करती हैं
कभी वो कसम दिला कर खिलाया करती हैं
Jitendra Chhonkar
आप, मैं और एक कप चाय।
आप, मैं और एक कप चाय।
Urmil Suman(श्री)
किया आहाँ गीत गाबैत छी ? जतय कमेंट करबा क अछि !
किया आहाँ गीत गाबैत छी ? जतय कमेंट करबा क अछि !
DrLakshman Jha Parimal
संसार है मतलब का
संसार है मतलब का
अरशद रसूल बदायूंनी
आचार्य शुक्ल के उच्च काव्य-लक्षण
आचार्य शुक्ल के उच्च काव्य-लक्षण
कवि रमेशराज
देश की पहचान
देश की पहचान
Dr fauzia Naseem shad
दोहा पंचक. . . . नवयुग
दोहा पंचक. . . . नवयुग
sushil sarna
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
shabina. Naaz
हमको भी सलीक़ा है लफ़्ज़ों को बरतने का
हमको भी सलीक़ा है लफ़्ज़ों को बरतने का
Nazir Nazar
Loading...