जड़ चेतन – डी के निवातिया
—
जड़ चेतन
***
मैं तो जड़ हूँ
पर तुम तो चेतन हो,
सँवार लो तुम,
देकर परिचय प्रबुद्धता
तराश लो मुझे,
अपने मन माफिक,
कायम कर दो,
गूढ़ता की मिसाल !!!
!
स्वरचित: डी के निवातिया
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जड़ चेतन
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मैं तो जड़ हूँ
पर तुम तो चेतन हो,
सँवार लो तुम,
देकर परिचय प्रबुद्धता
तराश लो मुझे,
अपने मन माफिक,
कायम कर दो,
गूढ़ता की मिसाल !!!
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स्वरचित: डी के निवातिया