जज़्बात
दरमियाँ तेरे मेरे , कुछ जज़्बात
मासूम से ख्यालात , सर्दियों की
बारिश की रिमझिम सी बूंदों का
एहसास कराते हैं ……..!!
बिन बोले मेरी रूह में उतरते हैं
और एक कोमल सा रूमानी
जज़्बात छोड़ जाते हैं ……!!
मिशा
दरमियाँ तेरे मेरे , कुछ जज़्बात
मासूम से ख्यालात , सर्दियों की
बारिश की रिमझिम सी बूंदों का
एहसास कराते हैं ……..!!
बिन बोले मेरी रूह में उतरते हैं
और एक कोमल सा रूमानी
जज़्बात छोड़ जाते हैं ……!!
मिशा