ज्यादा रोशनी।
ज्यादा रोशनी भी आदमी को अंधा बना देती है।
बे इन्तिहा खूबसूरती गरीब की धंधा करा देती है।।
ऐ खुदा मत देना मेरी औकात से ज्यादा मुझको।
ये दौलत इन्सानी फितरत को गन्दा बना देती है।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍
ज्यादा रोशनी भी आदमी को अंधा बना देती है।
बे इन्तिहा खूबसूरती गरीब की धंधा करा देती है।।
ऐ खुदा मत देना मेरी औकात से ज्यादा मुझको।
ये दौलत इन्सानी फितरत को गन्दा बना देती है।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍