ज्ञान-विज्ञान22)
22
प्राप्त किया जब हमने ज्ञान,
हमें कहाँ लाया विज्ञान।
रोज रात को छत पर अपनी,
देखा करते तारामंडल।
ध्रुवतारा ये चाँद सलोना ,
और ग्रह शनि प्लूटो मंगल।
मन करता था देखें जाकर,
कैसा अंदर से है हाल।
बना लिये अब हमने अपने,
चंद्रयान और मंगल यान.।।…
प्राप्त किया जब हमने ज्ञान,
हमें कहाँ लाया विज्ञान।
यही ज्ञान पाने के बल पर ,
सभी क्षेत्र में हम हैं आगे।
सोच हुई है इतनी विकसित ,
अंधविश्वास दिलों से भागे।
पर आगे यूँ बढ़ते बढ़ते,
नहीं बढाना अपना स्वार्थ।
अब धरती आकाश पवन का,
भी रखना है हमको ध्यान।।….
प्राप्त किया जब हमने ज्ञान,
हमें कहाँ लाया विज्ञान।
पहुँच हुई अब अंतरिक्ष तक,
खत्म हुई लंबी हर दूरी।
घर बैठे बैठे सब मिलता,
रही न कोई अब मजबूरी।।
मिला हमें आज इंटरनेट का,
कितना सुंदर ये संसार।
इसी ज्ञान के विज्ञान से,
ज्ञान हुआ पाना आसान।।..
प्राप्त किया जब हमने ज्ञान,
हमें कहाँ लाया विज्ञान।
24-09-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद