ज्ञान दिया ज्ञान दिया __ घनाक्षरी
ज्ञान दिया ज्ञान दिया सबको ही ज्ञान दिया ।
खुद का ही अज्ञान तो घट नहीं पाया है।।
नहीं डरा नहीं डरा तम रहा भरा भरा।
अहंकारी चोला तेरा हट नहीं पाया है।।
मन रावण मरा नहीं पुतला जला रहा।
यही यही बात मन रट नहीं पाया है।।
अनुनय दिखावा छोड़ देख देख खुद को।
मन तेरा तुझसे ही पट नहीं पाया है।।
राजेश व्यास अनुनय