ज्ञान तू है प्राण तू है
ज्ञान तू है प्राण तू है तू बिशुद्ध है आत्मा
है दिया ये ज्ञान सबको एक है परमात्मा
एक ही सागर के हैं हम बूंद सारे प्राणी भी
कष्ट सबका एक जैसा मत दुखाओ आत्मा
प्रबुद्ध शुद्ध विशाल हृदय करुणा है सबके लिए
प्रेम से जीता जगत को एक है तू महात्मा
आपका संदेश जन जन के हृदय को भा गया
करुणा की एक लौ जलाना घृणा का हो खात्मा