‘ज्ञान’ की देवी “माँ सरस्वती”
ज्ञान की देवी माँ सरस्वती,
नमन तुझ चरणों में…..
प्रार्थना करलो स्वीकार,
अर्ज करतें तुझ चरणों में…
आशिष देके दे दो “तौफा” ज्ञान भंडार का,
नमन तुझ चरणों में….
सदबुद्धि से जीवन बने उपवन सा,
न मुर्झायें कभी उम्मीद की कलियाँ
ऐसा…. वरदान दो विनंती तुझ चरणोंमें….
ऐसा ज्ञान हमको दे.. दो..
प्रगटे ज्ञानप्रकाश की ज्योत विशाल,
न बुजे कभी ज्ञान का दीपक
ऐसा उसमें पुरो तेल….
मनोरथ हम करतें हैं…. तुज चरणों में…..
सारेजहाँ में ज्ञानगंगा निरंतर बहती रहे,
सबका जीवन महके सदा ज्ञानधोध की बौछार से,
हम करतें हैं नमन…. तुज चरणों में….
कल्याणकारी वसंत खिले,
प्रकृति संग कला, साहित्य, सांस्कृति का संगम सदा रहे,
ऐसा…. भाव अर्पित तूझ चरणों
ज्ञान की देवी ‘माँ सरस्वती’,
नमन तुझ चरणों में…..नमन तुझ चरणों में…..