Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Dec 2020 · 1 min read

ज्ञानी बालक

करता रहता हूँ शैतानी
मैं बालक लेकिन हूँ ज्ञानी

रूप धरूँ पंडित जैसे पर
बातें करता हूँ बचकानी

अपनी रोज शरारत से मैं
लिख देता हूँ नई कहानी

ज़िद करके पापा मम्मी से
भरवा भी देता हूँ पानी

दिखने में हूँ भोला भाला
मगर शैतान की हूँ नानी

कितना भी समझा लो मुझको
पर करता अपनी मनमानी

16-12-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 312 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
"सोच"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा समीक्षा- राजीव नामदेव राना लिधौरी
दोहा समीक्षा- राजीव नामदेव राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आपके पास धन इसलिए नहीं बढ़ रहा है क्योंकि आपकी व्यावसायिक पक
आपके पास धन इसलिए नहीं बढ़ रहा है क्योंकि आपकी व्यावसायिक पक
Rj Anand Prajapati
बस्ते...!
बस्ते...!
Neelam Sharma
"दयानत" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मां
मां
Manu Vashistha
आज मैं एक नया गीत लिखता हूँ।
आज मैं एक नया गीत लिखता हूँ।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
(7) सरित-निमंत्रण ( स्वेद बिंदु से गीला मस्तक--)
(7) सरित-निमंत्रण ( स्वेद बिंदु से गीला मस्तक--)
Kishore Nigam
हाथों ने पैरों से पूछा
हाथों ने पैरों से पूछा
Shubham Pandey (S P)
पड़ते ही बाहर कदम, जकड़े जिसे जुकाम।
पड़ते ही बाहर कदम, जकड़े जिसे जुकाम।
डॉ.सीमा अग्रवाल
संवेदना -जीवन का क्रम
संवेदना -जीवन का क्रम
Rekha Drolia
मधुमास
मधुमास
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
** सुख और दुख **
** सुख और दुख **
Swami Ganganiya
तुम्हारी सब अटकलें फेल हो गई,
तुम्हारी सब अटकलें फेल हो गई,
Mahender Singh
तेरे लिखे में आग लगे / © MUSAFIR BAITHA
तेरे लिखे में आग लगे / © MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
परख: जिस चेहरे पर मुस्कान है, सच्चा वही इंसान है!
परख: जिस चेहरे पर मुस्कान है, सच्चा वही इंसान है!
Rohit Gupta
मजे की बात है ....
मजे की बात है ....
Rohit yadav
मातृभाषा
मातृभाषा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
■ आज की बात
■ आज की बात
*Author प्रणय प्रभात*
कितने घर ख़ाक हो गये, तुमने
कितने घर ख़ाक हो गये, तुमने
Anis Shah
नव्य द्वीप
नव्य द्वीप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
❤बिना मतलब के जो बात करते है
❤बिना मतलब के जो बात करते है
Satyaveer vaishnav
*रखिए एक दिवस सभी, मोबाइल को बंद (कुंडलिया)*
*रखिए एक दिवस सभी, मोबाइल को बंद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जंग अहम की
जंग अहम की
Mamta Singh Devaa
मेरा लड्डू गोपाल
मेरा लड्डू गोपाल
MEENU
कितना बदल रहे हैं हम ?
कितना बदल रहे हैं हम ?
Dr fauzia Naseem shad
एक गिलहरी
एक गिलहरी
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
ईर्ष्या
ईर्ष्या
नूरफातिमा खातून नूरी
डायरी भर गई
डायरी भर गई
Dr. Meenakshi Sharma
अवधी लोकगीत
अवधी लोकगीत
प्रीतम श्रावस्तवी
Loading...