ज्ञानी पुरुष हथियार से नहीं!
जो पुरुष ज्ञानी होते हैं,वे कभी हथियार से नहीं लड़ते हैं।अगर लड़ने की परिस्थिति उत्पन्न होती है, तो भी वो हथियारों का इस्तेमाल नही करते है।उस परिस्थिति से वो कैसे निपटते हैं?जो समाज को एक संदेश दे जाता है। कभी कभी अगर हमारी किसी से व्यक्ति गत तौर से लड़ना भी पड़ सकता है।पर लड़ाई को हम ज्ञान से लड़ें। किसी हथियार से नहीं लड़ना चाहिए।
जब आपका एक राजा की भूमिका में हैं, तो आपको क्या निर्णय लेना चाहिए।कि हमारा शत्रु पराजित होकर आपका मित्र बन जाये। उसको हमें शत्रु नही बनाना है।मित्र बनाने के लिए शांति से उसके नजदीक पहुंचना है। फिर हमें उसकी सारी बातें शांति से सुनना है, अभी कोई भी सवाल जवाब नही करना है।जब आप मौन रहकर सारी बातें सुन चुके हो। उससे एक शब्द बोलकर धन्यवाद आपका जी!
यह कहकर वापस अपने घर लौट आये।
जब उसके दिल में यह बात आ जाये कि आप डर गये है।तब आप एक प्रतियोगिता आयोजित करें।कि कौन कितना बुद्धि मान है। राजाओं ने यह नियम अपनी ताना साही स्थापित करने के लिए बनाये गये थे।जो आज तक हम उस पीड़ा को भोगते चलें आ रहें हैं।