ज्ञानवान दुर्जन लगे, करो न सङ्ग निवास।
ज्ञानवान दुर्जन लगे, करो न सङ्ग निवास।
सर्प सर्प हर हाल में, मनिक भले हो पास।।
✍️ संजीव शुक्ल ‘सचिन’
ज्ञानवान दुर्जन लगे, करो न सङ्ग निवास।
सर्प सर्प हर हाल में, मनिक भले हो पास।।
✍️ संजीव शुक्ल ‘सचिन’