जो वादा किया
तिलक माथे जनता सजाते नहीं है l
जो वादा किया वो निभाते नहीं हैं ll
भले इनसे तो हैं कसाई के बेटे l
झूठा प्यार कोई जताते नहीं है ll
कहो आज कह दें ए महले दुमहले l
बीता साल पाच ए आते नहीं है ll
ए सोनू के अब्बा वो मोती कि नानी l
सही बात तो ए बताते नहीं है ll
“सलिल” इनसे कह दो न आए दुबारा l
अगन हम दिलों की दबाते नहीं है ll
संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेशl