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27 Apr 2024 · 1 min read

जो रोज समय पर उगता है

जो रोज समय पर उगता है
जो रोज समय पर ढलता है
उस दिनकर के मन की ज्वाला
को कौन यहां छू पाता है
सूरज तो रोज ही आता है!!!

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