जो रोज समय पर उगता है
जो रोज समय पर उगता है
जो रोज समय पर ढलता है
उस दिनकर के मन की ज्वाला
को कौन यहां छू पाता है
सूरज तो रोज ही आता है!!!
जो रोज समय पर उगता है
जो रोज समय पर ढलता है
उस दिनकर के मन की ज्वाला
को कौन यहां छू पाता है
सूरज तो रोज ही आता है!!!