जो रहा सहज पूर्ण है, हो जाता सब पूर्ण l
जो रहा सहज पूर्ण है, हो जाता सब पूर्ण l
पूर्णता ना अता पता, न हो पाता उतीर्ण ll
समय ध्याना सही सही, पधारे सही समय l
समय न देखा बेसमय हो जाता है समय ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न
जो रहा सहज पूर्ण है, हो जाता सब पूर्ण l
पूर्णता ना अता पता, न हो पाता उतीर्ण ll
समय ध्याना सही सही, पधारे सही समय l
समय न देखा बेसमय हो जाता है समय ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न