जो बातें अंदर दबी हुई रह जाती हैं
जो बातें अंदर दबी हुई रह जाती हैं
उन बातों का बन जाता है
आने वाले समय में एक विशालकाय वृक्ष
और उस वृक्ष से उगते हैं
दर्द , एकांत, खालीपन ,
और कभी ना कहा जाने वाला मोन !
जो बातें अंदर दबी हुई रह जाती हैं
उन बातों का बन जाता है
आने वाले समय में एक विशालकाय वृक्ष
और उस वृक्ष से उगते हैं
दर्द , एकांत, खालीपन ,
और कभी ना कहा जाने वाला मोन !