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10 Aug 2022 · 1 min read

*जो बरसात होती है (मुक्तक)*

जो बरसात होती है (मुक्तक)
________________________________
घिरे हैं मेघ काले दिन में, लगता रात होती है
फुहारें पड़ रही हैं नभ से, अद्‌भुत बात होती है
ये मौसम मस्तियों का साल, पूरे फिर नहीं आता
करिश्मा एक कुदरत का है, जो बरसात होती है
—————————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
72 Views
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