जो पहली ही ठोकर में यहाँ लड़खड़ा गये
जो पहली ही ठोकर में यहाँ लड़खड़ा गये
उनके लिए ये रास्ते हमेशा गुमराह हो गये
हमने तो मंझिलो को यूँही अनदेखा किया
चलते चलते सफर में कई हमराह हो गये
⚪️ ‘अशांत’ शेखर
06/02/2023
जो पहली ही ठोकर में यहाँ लड़खड़ा गये
उनके लिए ये रास्ते हमेशा गुमराह हो गये
हमने तो मंझिलो को यूँही अनदेखा किया
चलते चलते सफर में कई हमराह हो गये
⚪️ ‘अशांत’ शेखर
06/02/2023