Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2024 · 1 min read

जो परिवार और रिश्ते आपने मुद्दे आपस में संवाद करके समझ बूझ

जो परिवार और रिश्ते आपने मुद्दे आपस में संवाद करके समझ बूझ से सुलझा रहे है उनकी जीवन आयु लम्बी और स्वस्थ है
जहा मुद्दे खुद के परिवार को छोड़कर
बाकी सब परिवार से सलाह मशवरा करके सुलझाने का तो छोड़ो बिगड़ने की तैयारी कर रहे है। उन परिवार और रिश्तों
की आधोगति निश्चित है।

यही अपना परिवार छोड़कर बाकी सब परिवार को सम्मिलित करना आपने रिश्ते समस्याओं में यही आपके परिवार रिश्ते का अंत करने की वजह है। हमको लगता है रिश्ते अहम से खराब हो रहे है । रिश्ते बाहरी सलाह और बाकी परिवार के सम्मिलित होने से खराब हो रहे है।

185 Views

You may also like these posts

लतियाते रहिये
लतियाते रहिये
विजय कुमार नामदेव
रपटा घाट मंडला
रपटा घाट मंडला
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मुंबई फिर दहली
मुंबई फिर दहली
C S Santoshi
सिंपल सी
सिंपल सी
Deepali Kalra
यह तो नहीं ज़िन्दगी!
यह तो नहीं ज़िन्दगी!
AWADHESH SINHA
मेरी मोहब्बत
मेरी मोहब्बत
Pushpraj Anant
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
खोजने लगी वो सुख का खज़ाना,
खोजने लगी वो सुख का खज़ाना,
Ajit Kumar "Karn"
फटा-फट सभी
फटा-फट सभी
surenderpal vaidya
जिंदगी के तूफानों में हर पल चिराग लिए फिरता हूॅ॑
जिंदगी के तूफानों में हर पल चिराग लिए फिरता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
उन्हें जाने देते हैं...
उन्हें जाने देते हैं...
Shekhar Chandra Mitra
ब्राह्मणवादी शगल के OBC - by Musafir Baitha
ब्राह्मणवादी शगल के OBC - by Musafir Baitha
Dr MusafiR BaithA
तनहाई के दौर में,
तनहाई के दौर में,
sushil sarna
बड़ा भाई बोल रहा हूं।
बड़ा भाई बोल रहा हूं।
SATPAL CHAUHAN
पृष्ठों पर बांँध से
पृष्ठों पर बांँध से
Neelam Sharma
मां से याचना
मां से याचना
अनिल कुमार निश्छल
कान्हा जन्मोत्सव
कान्हा जन्मोत्सव
श्रीहर्ष आचार्य
इस धरातल के ताप का नियंत्रण शैवाल,पेड़ पौधे और समन्दर करते ह
इस धरातल के ताप का नियंत्रण शैवाल,पेड़ पौधे और समन्दर करते ह
Rj Anand Prajapati
इस दीपावली
इस दीपावली
Laxmi Narayan Gupta
3933.💐 *पूर्णिका* 💐
3933.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आता सबको याद है, अपना सुखद अतीत।
आता सबको याद है, अपना सुखद अतीत।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
रमेशराज की चिड़िया विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की चिड़िया विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
रुकना नहीं चाहता कोई
रुकना नहीं चाहता कोई
Shriyansh Gupta
"कोढ़े की रोटी"
Dr. Kishan tandon kranti
देश का भविष्य
देश का भविष्य
Shweta Soni
गुज़रा हुआ वक्त
गुज़रा हुआ वक्त
Surinder blackpen
जीते जी पानी नहीं
जीते जी पानी नहीं
Sudhir srivastava
😊😊😊
😊😊😊
*प्रणय*
*
*"परिजात /हरसिंगार"*
Shashi kala vyas
Who am I?
Who am I?
Otteri Selvakumar
Loading...