जो दूरियां हैं दिल की छिपाओगे कब तलक।
मुक्तक
221/2121/1221/212
जो दूरियां हैं दिल की छिपाओगे कब तलक।
दुनियां से राज दिल मे दबाओगे कब तलक।
मैं पूछता हूं आज ये बतला ही दो मुझे,
ऐसे ये रिश्ता यार निभाओगे कब तलक।
……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी