जो दिल में उभरती है उसे, हम कागजों में उतार देते हैं !
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जो दिल में उभरती है उसे, हम कागजों में उतार देते हैं !
पता है इससे कोई फर्क नहीं, फिर भी हम कहते रहते हैं !!
@ परिमल
जो दिल में उभरती है उसे, हम कागजों में उतार देते हैं !
पता है इससे कोई फर्क नहीं, फिर भी हम कहते रहते हैं !!
@ परिमल