Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Dec 2020 · 1 min read

जो तुम आ जाते एक बार

जो तुम आ जाते एक बार
सिंगार अपना संवार लेती
जो तुम आ जाते एक बार
तन मन तुम पर वार लेती ।

सारे मौसम आते जाते
पर प्रिय क्यों तुम न आते
क्षीण काय विरह में होती
यह वियोगिनी रैन न सोती
आते जो एक बार , जीवन कर न्यौछावर लेती ।

बिन तेरे पावस भी डराये
कौन पिया अब झूला झूलाते
गरज गरज गरजे घन दामिनी
कैसे बीते प्रियवर यामिनी
आते जो एक बार , जी भर मैं कर प्यार लेती ।

वो वेगीले मलय का चलना
पनघट जाती पायल झनकना
दिल खिसिया खिसिया जाता
तिल तिल कर मरता जाता
आते जो एक बार , तनिक तुमको मैं निहार लेती ।

उस चातक सी है प्यास मेरी
कब आये तू है यह आस मेरी
राह तकूँ आजा अब प्रियवर
अब तो बन जा तू दिलवर
आते जो एक बार , मैं कर सोलह श्रृंगार लेती ।

Language: Hindi
Tag: गीत
70 Likes · 1 Comment · 421 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
"इस कायनात में"
Dr. Kishan tandon kranti
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
Phool gufran
हमारा गुनाह सिर्फ यही है
हमारा गुनाह सिर्फ यही है
gurudeenverma198
काफिला
काफिला
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
CISA Certification Training Course in Washington
CISA Certification Training Course in Washington
mayapatil281995
Ice
Ice
Santosh kumar Miri
रौनक़े कम नहीं हैं दुनिया में ,
रौनक़े कम नहीं हैं दुनिया में ,
Dr fauzia Naseem shad
आवाज़
आवाज़
Dipak Kumar "Girja"
गुज़ारिश
गुज़ारिश
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कर सकता नहीं ईश्वर भी, माँ की ममता से समता।
कर सकता नहीं ईश्वर भी, माँ की ममता से समता।
डॉ.सीमा अग्रवाल
" ठिठक गए पल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
#लेखन कला
#लेखन कला
Radheshyam Khatik
इश्क़ का माया जाल बिछा रही है ये दुनिया,
इश्क़ का माया जाल बिछा रही है ये दुनिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
अपनों को दे फायदा ,
अपनों को दे फायदा ,
sushil sarna
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
Rj Anand Prajapati
शिवोहं
शिवोहं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
इजहार ए इश्क
इजहार ए इश्क
साहित्य गौरव
आओ सर्दी की बाहों में खो जाएं
आओ सर्दी की बाहों में खो जाएं
नूरफातिमा खातून नूरी
मनमानी करते नेता
मनमानी करते नेता
Chitra Bisht
स्त्री एक कविता है
स्त्री एक कविता है
SATPAL CHAUHAN
नींद
नींद
Diwakar Mahto
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
*अति प्राचीन कोसी मंदिर, रामपुर*
*अति प्राचीन कोसी मंदिर, रामपुर*
Ravi Prakash
भँवर में जब कभी भी सामना मझदार का होना
भँवर में जब कभी भी सामना मझदार का होना
अंसार एटवी
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
#नीतिगत_सुझाव-
#नीतिगत_सुझाव-
*प्रणय*
श्री राम आ गए...!
श्री राम आ गए...!
भवेश
अधूरी ख्वाहिशें
अधूरी ख्वाहिशें
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
घर आये हुये मेहमान का अनादर कभी ना करना.......
घर आये हुये मेहमान का अनादर कभी ना करना.......
shabina. Naaz
Loading...