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24 Jul 2024 · 1 min read

जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता,

जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता,
वो क्या खाक तुम्हारे लफ्जों को समझेगा!
यह ज़माना तो है बड़ा संगदिल ए अनु ,
यह तुम्हारी बातों के कुछ ओर ही मतलब निकालेगा।

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