Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jul 2024 · 1 min read

जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता,

जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता,
वो क्या खाक तुम्हारे लफ्जों को समझेगा!
यह ज़माना तो है बड़ा संगदिल ए अनु ,
यह तुम्हारी बातों के कुछ ओर ही मतलब निकालेगा।

2 Likes · 93 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
ग़म बहुत है दिल में मगर खुलासा नहीं होने देता हूंI
ग़म बहुत है दिल में मगर खुलासा नहीं होने देता हूंI
शिव प्रताप लोधी
3236.*पूर्णिका*
3236.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
स्त्रीलिंग...एक ख़ूबसूरत एहसास
स्त्रीलिंग...एक ख़ूबसूरत एहसास
Mamta Singh Devaa
फिर लौट आयीं हैं वो आंधियां, जिसने घर उजाड़ा था।
फिर लौट आयीं हैं वो आंधियां, जिसने घर उजाड़ा था।
Manisha Manjari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
उससे मिलने को कहा देकर के वास्ता
उससे मिलने को कहा देकर के वास्ता
कवि दीपक बवेजा
मजदूर
मजदूर
Dr Archana Gupta
अरमान
अरमान
Kanchan Khanna
यूं ही नहीं कहते हैं इस ज़िंदगी को साज-ए-ज़िंदगी,
यूं ही नहीं कहते हैं इस ज़िंदगी को साज-ए-ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शब्दों का संसार
शब्दों का संसार
Surinder blackpen
"छुपा रुस्तम"
Dr. Kishan tandon kranti
*जिंदगी से हर किसी को, ही असीमित प्यार है (हिंदी गजल)*
*जिंदगी से हर किसी को, ही असीमित प्यार है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
जामुन
जामुन
शेखर सिंह
एक समय था जब शांतिप्रिय समुदाय के लोग घर से पशु, ट्यूवेल से
एक समय था जब शांतिप्रिय समुदाय के लोग घर से पशु, ट्यूवेल से
गुमनाम 'बाबा'
नयनों में नहीं सनम,
नयनों में नहीं सनम,
Radha Bablu mishra
"ठूंस ठूंसकर घूस खाने के बाद भी,
पूर्वार्थ
की है निगाहे - नाज़ ने दिल पे हया की चोट
की है निगाहे - नाज़ ने दिल पे हया की चोट
Sarfaraz Ahmed Aasee
- वह मूल्यवान धन -
- वह मूल्यवान धन -
Raju Gajbhiye
■ आप आए, बहार आई ■
■ आप आए, बहार आई ■
*प्रणय*
बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूल पाना
बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूल पाना
gurudeenverma198
नेता जब से बोलने लगे सच
नेता जब से बोलने लगे सच
Dhirendra Singh
कहते हैं लोग
कहते हैं लोग
हिमांशु Kulshrestha
कुछ करो तो बुरा,कुछ ना करो तो बुरा
कुछ करो तो बुरा,कुछ ना करो तो बुरा
Ranjeet kumar patre
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
सभी भगवान को प्यारे हो जाते हैं,
सभी भगवान को प्यारे हो जाते हैं,
Manoj Mahato
ये भी क्या जीवन है,जिसमें श्रृंगार भी किया जाए तो किसी के ना
ये भी क्या जीवन है,जिसमें श्रृंगार भी किया जाए तो किसी के ना
Shweta Soni
मंत्र चंद्रहासोज्जलकारा, शार्दुल वरवाहना ।कात्यायनी शुंभदघां
मंत्र चंद्रहासोज्जलकारा, शार्दुल वरवाहना ।कात्यायनी शुंभदघां
Harminder Kaur
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...