Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2018 · 1 min read

जो जाग गये वो मुक्त हुये ! आपकी दुविधा अंध-भक्ति !

व्यंग्यात्मक शैली से भ्रम दुविधा द्वंद द्वैत का इलाज संभव है !!
.
श्रेष्ठ होना है तो !
पहले अच्छे बनो !
अच्छे बनने के मूलभूत सूत्र :-
.
लोगों के हक दबाये !
गैर जिम्मेदार बने !
कथनी करनी एक न होने दें !
दोगला व्यक्तित्व जरूरी है !
लोगों को अंध-भक्त बनने को मजबूर कर दें
यानि लोग(भीड़) आपके लिये काम करें !
बगुले बन जाये !
(बको ध्यानम् )
श्वेत वस्त्र धारण करें !
जाति धर्म में उलझाये रखें !
लोगों को भटकाये रखें !
उनमें कभी जागरण पैदा न होने दें !
???
फिर मानवता आपकी गुलाम है !
दुनिया आपकी गुलाम !
और आप बन गये अच्छे आदमी !
.
जब भी किसी व्यक्तित्व ने जागरण मनाया
तथाकथित धार्मिक लोगों को सहन नहीं हुआ तथाकथित पाखंडियों ने मृत्युदंड दिया है ताकि पाखंड जिंदा रहे ?
.
अच्छा कभी बना नहीं जा सकता !
अच्छा होना पड़ता है !
अच्छा होने के लिये स्वयं को जानना पड़ता है !
खुद को जाने बिना !
अच्छा बनना यानि होना संभव नहीं !
.
आस्था
विश्वास
श्रृद्धा
अंध-भक्ति तो पैदा कर सकती है !
जागने नहीं देती !
.
? डॉ महेंद्र ?

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 1 Comment · 244 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all

You may also like these posts

राम रटलै
राम रटलै
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
धन्यवाद
धन्यवाद
Rambali Mishra
आजादी का नया इतिहास
आजादी का नया इतिहास
Sudhir srivastava
दोस्तो को रूठकर जाने ना दो...
दोस्तो को रूठकर जाने ना दो...
Jyoti Roshni
माँ वो देखो तिरंगा
माँ वो देखो तिरंगा
Arvina
बेटियाँ
बेटियाँ
डिजेन्द्र कुर्रे
घमंड करू भी तो किस बात का,
घमंड करू भी तो किस बात का,
पूर्वार्थ
तो गलत कहाँ हूँ मैं ?
तो गलत कहाँ हूँ मैं ?
नेहा आज़ाद
राहें
राहें
Shashi Mahajan
गुहार
गुहार
Sonam Puneet Dubey
*कहर  है हीरा*
*कहर है हीरा*
Kshma Urmila
रामधारी सिंह दिवाकर की कहानी 'गाँठ' का मंचन
रामधारी सिंह दिवाकर की कहानी 'गाँठ' का मंचन
आनंद प्रवीण
sp, 129 शब्दों का तीर
sp, 129 शब्दों का तीर
Manoj Shrivastava
छल और फ़रेब करने वालों की कोई जाति नहीं होती,उनका जाति बहिष्
छल और फ़रेब करने वालों की कोई जाति नहीं होती,उनका जाति बहिष्
Shweta Soni
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
अपना गम देख कर घबरा गए
अपना गम देख कर घबरा गए
Girija Arora
बीते हुए दिनो का भुला न देना
बीते हुए दिनो का भुला न देना
Ram Krishan Rastogi
"धर्म और विज्ञान"
Dr. Kishan tandon kranti
भले ई फूल बा करिया
भले ई फूल बा करिया
आकाश महेशपुरी
नेता जी
नेता जी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
भारत अखंड है, अखंड ही रहेगा
भारत अखंड है, अखंड ही रहेगा
Harinarayan Tanha
गीत- कभी हँसकर कभी झुककर...
गीत- कभी हँसकर कभी झुककर...
आर.एस. 'प्रीतम'
खुले आम जो देश को लूटते हैं।
खुले आम जो देश को लूटते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
बोल मजीरा
बोल मजीरा
कुमार अविनाश 'केसर'
😊बड़ा सबक़😊
😊बड़ा सबक़😊
*प्रणय*
शब्द
शब्द
Mahesh Jain 'Jyoti'
सरकारी
सरकारी
Lalit Singh thakur
सजावट की
सजावट की
sushil sarna
वफ़ा  को तुम  हमारी और  कोई  नाम  मत देना
वफ़ा को तुम हमारी और कोई नाम मत देना
Dr Archana Gupta
रपटा घाट मंडला
रपटा घाट मंडला
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Loading...