जो जाग गये वो मुक्त हुये ! आपकी दुविधा अंध-भक्ति !
व्यंग्यात्मक शैली से भ्रम दुविधा द्वंद द्वैत का इलाज संभव है !!
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श्रेष्ठ होना है तो !
पहले अच्छे बनो !
अच्छे बनने के मूलभूत सूत्र :-
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लोगों के हक दबाये !
गैर जिम्मेदार बने !
कथनी करनी एक न होने दें !
दोगला व्यक्तित्व जरूरी है !
लोगों को अंध-भक्त बनने को मजबूर कर दें
यानि लोग(भीड़) आपके लिये काम करें !
बगुले बन जाये !
(बको ध्यानम् )
श्वेत वस्त्र धारण करें !
जाति धर्म में उलझाये रखें !
लोगों को भटकाये रखें !
उनमें कभी जागरण पैदा न होने दें !
???
फिर मानवता आपकी गुलाम है !
दुनिया आपकी गुलाम !
और आप बन गये अच्छे आदमी !
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जब भी किसी व्यक्तित्व ने जागरण मनाया
तथाकथित धार्मिक लोगों को सहन नहीं हुआ तथाकथित पाखंडियों ने मृत्युदंड दिया है ताकि पाखंड जिंदा रहे ?
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अच्छा कभी बना नहीं जा सकता !
अच्छा होना पड़ता है !
अच्छा होने के लिये स्वयं को जानना पड़ता है !
खुद को जाने बिना !
अच्छा बनना यानि होना संभव नहीं !
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आस्था
विश्वास
श्रृद्धा
अंध-भक्ति तो पैदा कर सकती है !
जागने नहीं देती !
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? डॉ महेंद्र ?