जो ज़रूरत पे मिले
जो ज़रूरत पे मिले
ऊंची कीमत में मिले
वही तो सच्चे दोस्त थे
जो मुसीबत में मिले
अच्छी सूरत में वो बात कहां
जो अच्छी सीरत में मिले
हम कितने खुशकिस्मत हैं
जो आप किस्मत से मिले
अमीर ग़म ज़दा न हो कभी
अगर खुशी दौलत से मिले
हर किसी का एहतराम करो
इज़्ज़त तो इज़्ज़त से मिले
तुमसे दिल का हाल कहेंगे
अगर कभी फुर्सत में मिले
मिलने मज़ा तो तब है “अर्श”
जब कोई शिद्दत से मिले