जो छुओ प्यार से बिखर जायें
डूब कर इश्क में निखर जाएँ
बनके खुश्बू चलो बिखर जाएँ
लौट सकते हैं गुम हुये इंसान
जो बदल जायें तो किधर जाएँ
सूख गये अश्क़ रो रोकर मेरे
अब जियादा कहो तो मर जाएँ
गौर करता नहीं सनम मेरा
और हम हैं उसी डगर जाएँ
सख़्त तो हैं मगर हैं मोम जैसे
जो छुओ प्यार से बिखर जाएँ
अनुराग हृदयनगरी